What is Kingdom Monera : (जगत मोनेरा )

मोनेरा सभी प्रोकैरियोट्स ( prokaryotes )का जगत है । जीवाणु एवं नीली -हरे शैवाल ऐसे एक कोशिकीय जीव होते हैं जिनमें अनुवांशिक पदार्थ तो होता है , इसका पदार्थ को कोशिका द्रव्य से पृथक रखने के लिए केंद्रक नहीं होता |

इसलिए इन्हें केंद्रकविहीन , अर्थात पूर्वकेन्द्रिकीय या प्रोकैरियोटिक ( prokaryotic ) जीव कहते हैं | अर्नस्ट हेकल ( Ernst Haeckel, 1866 ) ने इनके लिए एक पृथक मोनेरा संघ ( Monera phylum )की स्थापना की | बाद में Edouard Chatron ( 1925) ने फाइलम मोनेरा को वर्गीकरण की उच्च श्रेणी जगत नाम को प्रस्तावित किया |

मोनेरा जगत के प्रमुख लक्षण – मोनेरा जगत के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं – 1 – ये सूक्ष्मदर्शीय ( Microscopic) एककोशिकीय ( unicellular) तथा प्रोकैर्योटिक कोशिका से बने होते हैं |

2 – इनमें केन्द्रक के स्थान पर केन्द्रकाभ ( nucleoid ) पाया जाता है जिसे वलयाकार डीएनए ( circular DNA ) कहते हैं । इसमें हिस्टोन प्रोटीन तथा केन्द्रिका (nucleolus ) नही पायी जाती है ।

3 – इनमें सुविकसित कोशिकांग जैसे – माइटोकॉंड्रिया ( Mitochondria) लवक ( Plastids ) अंतर्द्रव्यी जालिका ( Endoplasmic reticulum) गाल्जीकाय ( Golgi Body) आदि नहीं पाए जाते हैं | 5 – प्रचलन प्रायः Cllia या Flagella द्वारा होता है ।

4 – इनमें 70s प्रकार के राइबोसोम पाये जाते हैं ।

5 – इनमें प्रचलन सिलिया फ्लॉजेला द्वारा होता है |

6 – इनमें प्रजनन क्रिया प्रायः अलैंगिंक प्रकार की होती है ।

7- इनमें लैंगिक प्रजनन प्रायः अनुपस्थित होता है , लेकिन कुछ मोनेरा में जीन का पुनर्संयोजन ( genetic recombination ) पाया जाता है ।

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